जिला स्वच्छता समिति/जिला स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण समिति की जिलाधिकारी ने की समीक्षा बैठक,

मीडिया हाउस सोनभद्र-जिलाधिकारी बी0एन0 सिंह ने आज कलेक्ट्रेट के जन सुनवाई कक्ष में जिला स्वच्छता समिति/जिला स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण समिति की बैठक की, बैठक में जिलाधिकारी ने नगर पंचायतों व ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छ भारत मिशन के तहत स्वच्छता के प्रति किये गये कार्यों की समीक्षा करते हुए ओ0डी0एफ0 गांवों में बने शौचालय, बनाये गये कूड़ा प्रबन्धन केन्द्र व प्लास्टिक मुक्त अभियान हेतु किये गये प्रबन्धन के बारे में जिला पंचायत राज अधिकारी ने जानकारी प्राप्त की। जिस पर जिला पंचायत राज अधिकारी ने बताया कि गांव में प्लास्टिक कलेक्शन के लिए घरों पर बोरियां टांगी गयी है, बोरी भर जाने पर उसमें से प्लास्टिक निकालकर आर0आर0सी0 पर उसको इकट्ठा कर प्लास्टिक का निस्तारण एवं बाजार से लिंक कर उसको बेचकर ग्राम पंचायत की आय भी बढ़ाई जा रही है।

बैठक में जिलाधिकारी ने जिला पंचायत राज अधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि ओ0डी0एफ0 गांवों में किये गये शौचालय निर्माण व बनाये जाने वाले शौचालयों की सूची उपलब्ध कराया जाये। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रो में बने व्यक्तिगत शौचालय की समीक्षा करते हुए कहा कि अब तक कितने शौचालय बने हैं, जिस पर जिला पंचायत राज अधिकारी बताया कि जनपद में 19 हजार 738 शौचालय निर्माण का लक्ष्य रखा गया था, जिसमें अब तक 13588 लाभार्थियों को प्रथम की धनराशि प्रेषित की गई है, जिस पर जिलाधिकारी ने कहा कि जिन लाभार्थी को शौचालय निर्माण के लिए प्रथम किश्त दी गयी है, उनके निर्माण प्रगति की जॉच कराते हुए दूसरी किश्त की धनराशि उपलब्ध कराया जाये, जिससे शौचालय निर्माण समय से पूरा कराया जा सकें। उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि अवशेष शौचालय निर्माण के लिए पात्र लाभार्थियों का चयन करते हुए शौचालय के निर्माण कार्य में तेजी लाया जायें, इस कार्य में शिथिलता न बरती जायें। उन्होंने कहा कि पूर्व में निर्मित शौचालय व बनाये जाने वाले शौचालयों की सूची उपलब्ध कराया जाये, जिससे शौचालयों के स्थिति आकलन किया जा सके। इसी प्रकार से जिलाधिकारी ने गांवों में बनाये गये कूड़ा प्रबन्धन केन्द्र व आर0आर0सी0 की समीक्षा करते हुए कहा कि कूड़ा प्रबन्धन केन्द्र व आर0आर0सी0 को उपयोग करने के साथ ही ग्रामीण लोगों को इसके प्रयोग के लिए जागरूक भी किया जायेे, जिससे इसका सही ढंग से उपयोग करते हुए कूड़ा निस्तारण किया जाये।

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उन्होंने कहा कि नागरिकों को प्लास्टिक के थैले के उपयोग से बचने के लिए जागरूक करने के साथ ही उससे होने वाले वातावरण को नुकसान व स्वास्थ्य हानि से सचेत करें। उन्होंनेे कहा कि ग्राम प्रधानों के माध्यम से लोगों को प्लास्टिक से होने वाले नुकसान व प्लास्टिक के जलाये जाने से होने वाले खतरे के प्रति जागरूक किया जायें। जिलाधिकारी ने जिला पंचायत राज अधिकारी को निर्देशित करते हुए कहाकि इंको प्वाइंट पर लोगों की बढ़ती भीड़ को देखते हुए वहां पर कूड़दान की व्यवस्था की जाये और लोगों को वहां गंदगी न फैलाने व कूड़ा डस्टबीन डालने के लिए प्रेरित किया जाये, जिससे वहां पर साफ-सफाई बेहतर हों। जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि जो गांव मॉडल बनाए जा रहे हैं उन गांव में जो भी कंपोनेंट बने हैं, उसका सत्यापन मुख्य विकास अधिकारी कराना सुनिश्चित करें कि सभी कंपोनेंट का निर्माण कार्य हुआ है। जनपद में सभी विकास खंडों से प्लास्टिक इकट्ठा कर उसके निस्तारण के लिए प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट यूनिट को और बृहद रूप से बनाते हुए उसको संचालित कर उसका निस्तारण करें। जिलाधिकारी ने एजेंडा वार समीक्षा की जिसमें पेरी अर्बन ग्रामों के रूप में नगर पालिका परिषद के 3 किलोमीटर के सीमा में एवं नगर पंचायत से एक किलोमीटर की सीमा के ग्राम पंचायत का चिन्हीकरण कर रिपोर्ट शासन को भेजा जाना था जिस पर निर्देशित किया कि रिपोर्ट और गांव की सूची नगर पालिका से समन्वय स्थापित कर सत्यापन के उपरांत भेजा जाए। इस मौके पर मुख्य विकास अधिकारी जागृति अवस्थी, अपर जिलाधिकारी(वि0/रा0) सहदेव कुमार मिश्र, अपर जिलाधिकारी(नमामि गंगे) रोहित यादव, वरिष्ठ कोषाधिकारी इन्द्रभान सिंह, जिला पंचायत कल्याण अधिकारी रमाशंकर यादव, ई-डिस्ट्रिक्ट मैनेजर दिव्यतोष मिश्र सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहें।

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