एमडीए अभियान में जिलास्तरीय प्रशिक्षकों का हुआ प्रशिक्षण

दवा के दुष्प्रभाव से बचाव के लिए रैपिड रेस्पोंस टीम लगाई जाएगी l

मीडिया हाऊस न्यूज एजेंसी अवनीश श्रीवास्तव
मोतिहारी l जिले में फाइलेरिया मुक्त अभियान के सफल संचालन के लिए आईएमए भवन, मोतिहारी में जिलास्तरीय प्रशिक्षकों में चिकित्सा पदाधिकारी, बीसीएम / भीबीडीएस /प्रत्येक पीएचसी के एमओ का प्रशिक्षण (टी.ओ.टी.) हुआ। इस दौरान उनलोगों को माइक्रोप्लान बनाने, स्वीकृति एप्प पर एमडीए राउंड के दौरान प्रतिदिन का डाटा अपलोड करने एवं मॉनिटरिंग करने का निर्देश दिया गया। डब्लूएचओ के ज़ोनल कोऑर्डिनेटर माधुरी देवराजू, पिरामल स्वास्थ्य के डीएल मुकेश कुमार, भीडीसीओ धर्मेंद्र कुमार ने प्रशिक्षण कराया।
जिले के वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ शरत चंद्र शर्मा ने बताया कि जिले में फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत सवर्जन दवा सेवन अभियान की शुरुआत 10 फरवरी से 17 दिनों के लिए चलाया जायेगा। इस दौरान आशा व अन्य स्वास्थ्य कार्यकर्त्ता घर – घर जाकर लोगों को जागरूक करते हुए अपने सामने दवा खिलाएगी। प्रतिदिन कितनी दवा खिलाई गई, इसकी रिपोर्ट प्रतिदिन विभाग को दी जाएगी। सभी कार्यकलाप रजिस्टर में लिखित दर्ज की जाएगी। इसके बाद अधिकारियों द्वारा मॉनिटरिंग की जाएगी। लोगों को अगर सर्वजन दवा से दुष्प्रभाव होता है तो उससे बचाव के लिए रैपिड रेस्पोंस टीम लगाई जाएगी।
डॉ शर्मा ने बताया कि फाइलेरिया से बचाव को 2 से 5 वर्ष के बच्चों को डीईसी की 1 गोली और एल्बेंडाजोल की 1 गोली, 6 से 14 वर्ष के बच्चों को डीईसी की 2 गोली व एल्बेंडाजोल की 1 गोली तथा 15 वर्ष से ऊपर के लोगों को डीईसी की 3 गोली व एल्बेंडाजोल की 1 गोली आशा कार्यकर्ताओं द्वारा अपने सामने खिलाई जाएगी। खाली पेट दवा का सेवन नहीं करना है। एल्बेंडाजोल की गोली को पानी के साथ चबाकर खानी है। इस बात का ध्यान रखें कि 2 वर्ष से छोटे बच्चे, गम्भीर मरीज तथा गर्भवती महिलाओं को एमडीए की दवा नहीं खिलाई जाएगी।
फाइलेरिया मच्छरों के काटने से होता है l जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. शरत चन्द्र शर्मा ने बताया कि फाइलेरिया को हाथीपाँव रोग के नाम से भी जाना जाता है। इससे ग्रसित हो जाने पर मानव शरीर के अंगों में सूजन आ जाती है, जो संक्रमित क्यूलेस नामक मच्छर के काटने से फैलता है। सामान्यतः बचपन में होने वाला यह रोग लासिका प्रणाली को क्षति पहुँचाता है। इससे होने वाली विकलांगता, पैरों में स्थायी सूजन हो जाना, अंडकोष की थैली में सूजन आदि से मानव की कार्यक्षमता प्रभावित होती है। इस रोग से बचने के लिए सरकार द्वारा खिलाई जा रही निःशुल्क दवा का सेवन अनिवार्य है। इस मौके पर भीडीसीओ धर्मेंद्र कुमार, सत्यनारायण उरांव, रविंद्र कुमार, गौतम कुमार, प्रेमलता कुमारी, राकेश कुमार, डीएल मुकेश कुमार, सिफार के डीसी सिद्धांत कुमार, चंद्रभानु सिंह, विनोद श्रीवास्तव, बीसी बिट्टू कुमार सहित बीसीएम एवं बीएचएम व स्वास्थ्य कर्मी मौजूद थे।

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