मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष से 14 आसाध्य बीमारियों जैसे हृदय रोग, कैंसर, एड्स, नी रिप्लेसमेंट, स्पाईनल सर्जरी, वास्क्यूलर सर्जरी, बोन मैरो ट्रांसप्लांटेशन इत्यादि बीमारियों के इलाज के लिए मुहैया कराई जा रही है आर्थिक सहायता।

मीडिया हाउस न्यूज एजेंसी 12ता.बेतिया। सिकटा प्रखण्ड के धनकुटवा तथा मैनाटांड़ प्रखण्ड के इनरवा पंचायत में आज जन संवाद कार्यक्रम का आयोजन सम्पन्न हुआ। जिलाधिकारी, श्री दिनेश कुमार राय एवं श्री डी० अमरकेश, पुलिस अधीक्षक, बेतिया द्वारा जन संवाद कार्यक्रम का दीप प्रज्ज्वलित कर विधिवत शुभारंभ किया गया। जन संवाद कार्यक्रम में जिलास्तरीय पदाधिकारियों द्वारा अपने अपने कार्यालय/विभाग द्वारा संचालित योजनाओं/कार्यक्रमों की विस्तृत जानकारी उपस्थित ग्रामीणों को दी गयी। इसके उपरांत ग्रामीणों के सुझाव एवं प्रतिक्रिया भी लिए गए।
जिलाधिकारी, दिनेश कुमार राय ने ग्रामीणों से कहा कि
यह अत्यंत ही अपार हर्ष का विषय है कि जिला प्रशासन को आप सबों के बीच आने का सुअवसर प्राप्त हुआ है। मैनें अपने पदस्थापन के बाद से लगातार क्षेत्रों का भ्रमण प्रारम्भ कर दिया था एवं आम जन से मिलना जुलना मेरे दैनिक दिनचर्या में शामिल है। मैं शुक्रवार को जनता दरबार लगाता हूंँ और उस दिन दूर-दराज से आए लोगों के साथ मिलकर उनकी बातों को सुनता हूं और यथासंभव निराकरण का प्रयास करता हूँ। फिर भी कई लोग वंचित रह जाते हैं। इसके निवारण हेतु एक प्रयास के रूप में सभी प्रखंडों में जनसंवाद कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। मुझे और एसपी साहब को प्रत्येक प्रखंड में दो जगहों पर, अनुमंडल पदाधिकारी को एक जगह पर और बीडीओ/सीओ को दो-दो जगहों पर जनसंवाद करना है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के द्वारा जिले के सर्वांगिण विकास की दिशा में कार्य किया जा रहा है। बिहार एक मात्र राज्य है, जहां प्रत्येक कार्य के लिए एक योजना है। विगत वर्षों में राज्य सरकार के द्वारा गांव को प्रखंड से और प्रखंड को जिला से सीधे जोड़ने के लिए गुणवत्तापूर्ण सड़कों का निर्माण कार्य कराया गया है। यही नहीं प्रत्येक वर्ग के लोगों को गरिमामयी जीवन के लिए पेयजल निश्चय योजना लागू कराया गया है, जो सभी पंचायतों/वार्डों में लागू है। इतना ही नहीं राज्य सरकार के द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में भी ध्यान दिया गया है। विगत दिनों काफी संख्या में शिक्षकों की बहाली हुई है, जो अनवरत अभी भी जारी है। याद करिए वह समय जब विद्यालयों को अपना छत नहीं था। राज्य सरकार के निदेश के आलोक में हमने भूमिहीन विद्यालयों के लिए त्वरित गति से भूमि उपलब्ध कराने का कार्य किया है।
उन्होंने कहा कि हमारे समय में बिजली नहीं था, बाद में जब आया भी तो एक निश्चित समय के लिए ही आता था, लेकिन अब देखिए कि 20 से 22 घंटे बिजली उपलब्ध रहता है। ये सब मैं आप लोगां को इस लिए बता रहा हूं ताकि आप पिछले समय से आज के समय की तुलना कर सकें।
उन्होंने कहा कि विद्यालय के समय छात्राओं को साईकिल से पढ़ने जाते देखना कितना सुखद लगता है, यह राज्य सरकार की ही देन है। विद्यालयों में, आंगनवाड़ी में बच्चों को पोषाहार दिया जा रहा है। पढ़ने के लिए किताब और पहने के लिए ड्रेस भी दिया जा रहा है। मेरा सभी गर्जियनों से अनुरोध होगा अपने बच्चों को स्कूल ड्रेस और किताब के साथ ही विद्यालय भेजें। इन बच्चों से ही हमारा कल निश्चित है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में देखिए अस्पतालों को अपना भवन हो गया है। डाक्टर्स रोस्टर के अनुसार उपलब्घ रह रहे हैं। उच्च गुणवत्ता एवं आधुनिक तकनीक के साथ आपके जिले में 500 बेड का जीएमसीएच तैयार हो चुका है। अनुमंडल स्तर पर भी अस्पताल हैं। फ्री में एम्बुलेंस और दवा उपलब्ध है। मैं मानता हूं कि अभी भी कुछ कमियां है, लेकिन हम उसे दूर करने में प्रयासरत हैं।
राज्य सरकार के द्वारा महिला उत्थान पर भी काफी कार्य किया गया है। त्रि-स्तरीय पंचायत हो या नौकरी, सभी में महिलाओं के लिए सीट रिजर्व कर दिया गया है। पश्चिम चम्पारण क्षेत्र कृषि प्रधान क्षेत्र है। यहां की आबादी की आजीविका कृषि पर ही निर्भर है। इसके साथ ही यह क्षेत्र आपदा प्रभावित भी है। आपदा में बाढ़ भी है और सुखाड़ भी।
आपदा के समय में सबसे अधिक जो क्षति होती है वह फसल की ही क्षति होती है और इसका सीधा असर किसानों पर पड़ता है। मेहनत और पैसा दोनों बर्बाद। लेकिन इसका भी एक उपाय है। आप खेती के साथ ही बकरी पालन कर सकते हैं, मुर्गी पालन कर सकते हैं। इसके लिए राज्य सरकार की समेकित बकरी एवं भेड़ विकास योजना है एवं समेकित मुर्गी विकास योजना उपलब्ध है। इन योजनाओं से ना केवल आपदा के समय में खेती पर आश्रित नहीं होता पड़ेगा बल्कि आत्मनिर्भरता भी बढ़ेगी।
उन्होंने कहा कि आपको बताने में मुझे अपार हर्ष हो रहा है कि आपके क्षेत्र के खास ‘‘मर्चा धान’’ को जीआई टैग प्राप्त हो गया है। जिला प्रशासन के द्वारा इसके लिए काफी मेहनत किया गया है। मर्चा धान को जीआई टैग मिल जाने से ना केवल वैष्विक पहचान मिलेगा, बल्कि राज्य/जिला को आर्थिक बल भी मिलेगा। मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के तहत चंवर विकास योजना एक अप्रतिम योजना है। इसके तहत मछली का उत्पादन तो किया ही जा सकता है, उसके अतिरिक्त पोखरा के मेढ़ पर मुर्गी/बगरी पालन भी कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि भूमि विवाद के निवारण हेतु प्रत्येक शनिवार को अंचल एवं थाना के द्वारा समन्वित रूप से जनता दरबार का आयोजन किया जा रहा है। इसमें जो गम्भीर मामले आते हैं, उसका निराकरण 15 दिनों पर एसडीओ/एसडीपीओ के द्वारा बैठक करते हुए आयोजन किया जा रहा है। महिना में एक बार मेरे और एसपी साहब के द्वारा भी भूमि विवाद के मामलों की सुनवाई की जाती है।
हर गार्जियन चाहता है कि उसका बच्चा पढ़-लिख कर बीडीओ/सीओ/आईएएस/आईपीएस/इंजिनीयर/डाक्टर बनें, लेकिन इसके अलावा भी आप अपने बच्चों को स्टार्टअप से जोड़ सकते हैं, इसके लिए भी बिहार सरकार द्वारा लेदर एंड टेक्स्टाईल पॉलिसी एवं मुख्यमंत्री उद्यमी योजना का लाभ ले सकेत हैं। उन्होंने कहा कि असाध्य रोग से पीड़ित लोगों के लिए राज्य सरकार की मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता योजना महत्वपूर्ण योजना है। इसके तहत ढ़ाई लाख से कम आमदनी वाले लोगों को मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष से 14 आसाध्य बीमारियों जैसे हृदय रोग, कैंसर, एड्स, नी रिप्लेसमेंट, स्पाईनल सर्जरी, वास्क्यूलर सर्जरी, बोन मैरो ट्रांसप्लांटेषन इत्यादि बिमारियों के इलाज के लिए रूपया मुहैया कराया जाता है। उन्होंने कहा कि राज्य के अंदर इलाज कराने वालों के लिए अलग राशि निर्धारित है, वहीं राज्य से बाहर इलाज कराने वालों के लिए अलग राषि निर्धारित है। योजना के तहत 20 हजार रुपए से लेकर पांच लाख रुपए तक की सहायता दी जाती है। रोगी बिहार का नागरिक होना चाहिए रोगी की प्रतिवर्ष आय ढाई लाख रुपये से कम हो व रोगों से संबंधित इलाज राज्य सरकार के अस्पताल एवं सीजीएचएस से मान्यता प्राप्त अस्पताल में होना चाहिए। इसके आवेदन के लिए मरीजों के परिजनों को सक्षम पदाधिकारी की ओर से निर्गत आवास प्रमाणपत्र डीएम एसडीओ अथवा अंचलाधिकारी से निर्गत आय प्रमाणपत्र तथा राज्य सरकार के अस्पताल या सीजीएचएस से मान्यता प्राप्त अस्पताल के इलाज का पर्चा और मूल अनुमानित राशि के कागजात जमा करने होते हैं।उन्होंने कहा कि हृदय की गम्भीर समस्या से जूझ रहे बच्चों के लिए बिहार सरकार की मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना लागु है, जिसके तहत बच्चों का निःशुल्क इलाज होता है। इसके लिए राज्य सरकार के द्वारा प्रशांति मेडिकल सर्विसेज एंड रिसर्च फाउंडेशन द्वारा संचालित अहमदाबाद स्थित अस्पताल से करार किया गया है। इस योजना का शुभारंभ 2022 में हुआ। इस योजना के तहत इलाज में होने वाला पूरा खर्च और आने जाने का खर्च सरकार द्वारा वहन किया जाता है।योजना के तहत सरकार दिल के सामान्य ऑपरेशन के लिए 1,30,000 रुपये तक देगी। वहीं अगर ऑपरेशन जटिल है तो सरकार 1,50,000 रुपये तक देगी। इसके अलावा हार्ट स्टेंट को बदलने की जरूरत होती है तो सरकार 50,000 रुपये देगी। सरकार द्वारा दिए रुपये सीधे अस्पताल के खाते में ही भेजे जाते हैं। इलाज के बाद मरीज को डॉक्टरों द्वारा तीन बार फ्री फॉलो अप दिया जाने की सुविधा है। इलाज के दौरान अस्पताल में रोगी और उनके परिवार के सदस्यों को सभी सुविधाएं मुफ्त प्रदान की जाती है। राज्य सरकार के द्वारा छः वर्ष से कम उम्र के बच्चों के साथ मां के अतिरिक्त एक और परिजन के परिवहन का खर्च भी वहन किया जाता है।
पुलिस अधीक्षक, बेतिया, अमरकेश डी ने डायल 112, महिला हेल्प डेस्क, इमरजेंसी रेस्पॉन्स व्हीकल आदि के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान की। उन्होंने कहा कि किसी भी आपात स्थिति में ग्रामीण 112 डायल कर सकते हैं। पुलिस विभाग द्वारा त्वरित गति से कार्रवाई की जाएगी। इसी तरह महिलाओं के लिए थानों में महिला हेल्प डेस्क फंक्शनल है। इसका लाभ महिलाओं द्वारा लिया जा रहा है। उप विकास आयुक्त, अनिल कुमार ने कहा कि यहाँ जो जानकारी दी जा रही है, उसे ध्यान से सुने। वितरित किये गए पर्ची/पम्फलेट को सुरक्षित रखें तथा इसका लाभ प्राप्त करें। उन्होंने कहा कि अपने अधिकारों की जानकारी रखें, किसी के बहकावे में नहीं आये।उन्होंने कहा कि अधिकारों के साथ साथ अपने कर्तव्यों एवं दियित्वों के प्रति भी सजग रहना होगा। उप विकास आयुक्त द्वारा मनरेगा, ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन, यूजर चार्जेज, रोजगार सृजन, विभिन्न योजनाओं आदि के बारे में विस्तृत जानकारी दी गयी। सिकटा के धनकुटवा में आयोजित जन संवाद कार्यक्रम में ग्रामीण निर्भय कुमार ने कहा कि इस कार्यक्रम को लेकर हम सभी काफी उत्साहित हैं। पहले फरियादी जिला प्रशासन के पास जाते थे, अब जिला प्रशासन स्वयं फरियादी के पास पहुंच रहे हैं। इन्होंने परिवहन, आवागमन, सड़क निर्माण हेतु अपने सुझाव व्यक्त किये। इसी तरह राकेश कुमार द्वारा पुलिस चौकी, पीडीएस दुकान, संतोष मणि गिरी द्वारा पंचायत सरकार भवन, सूर्यमंगल पांडेय द्वारा पोस्टल पिन कोड, विद्यालय का नाम भूमिदाता के नाम से करने, श्री मुन्ना पांडेय द्वारा सिकटा को नशामुक्त करने, विद्युत विपत्र, बिट्टू कुमार राय द्वारा शिक्षा, एम्बुलेंस, प्रधानमंत्री आवास योजना, मधुसूदन पटेल द्वारा सिंचाई हेतु बिजली कनेक्शन दाखिल खारिज, अतिक्रमण वाद आदि को लेकर अपना सुझाव एवं प्रतिक्रिया व्यक्त किया गया।
मैनाटांड़ प्रखंड अंतर्गत जन संवाद कार्यक्रम में माननीय मुखिया, रामदेव भगत द्वारा स्वास्थ्य, सड़क, माननीय सरपंच, दिनेश गिरी द्वारा भूमि विवाद, माननीय उप मुखिया, अनंत साह द्वारा बाढ़ एवं कटाव से बचाव हेतु बांध निर्माण, कटाव निरोधक कार्रवाई, कच्ची सड़क का पक्कीकरण, अखिलेश्वर प्रसाद द्वारा सड़क, सार्वजनिक स्थल पर, चापाकल, शौचालय, पक्का ठोकर, अमरेश कुमार गिरी द्वारा कन्या उच्च विद्यालय, डिग्री कॉलेज, राजेन्द्र प्रसाद द्वारा सिंचाई हेतु पानी की व्यवस्था (स्टेट बोरिंग), नल-जल योजना के बारे में अपने सुझाव एवं प्रतिक्रिया व्यक्त किया गया। इस अवसर पर सभी जिलास्तरीय, अनुमंडल स्तरीय एवं प्रखंड स्तरीय पदाधिकारी सहित माननीय जनप्रतिनिधिगण, ग्रामीण आदि उपस्थित रहें।