मणिपुर पुलिस ने की 25 एकड़ अफीम की खेती नष्ट

इंफाल, 2 फरवरी (आईएएनएस)। मणिपुर सरकार के ‘ड्रग्स के खिलाफ युद्ध अभियान’ के तहत रविवार को टेंग्नौपाल जिला में 25 एकड़ से अधिक अफीम की खेती को नष्ट कर दिया गया।

अधिकारियों ने बताया कि दो दिन पहले कांगपोकपी जिले में अवैध अफीम की खेती को नष्ट करने गए सुरक्षा दल पर भीड़ ने हमला कर दिया था।

मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने एक्स पोस्ट पर लिखा, “ड्रग्स के खिलाफ हमारे गहन युद्ध अभियान के हिस्से के रूप में आज टेंग्नौपाल उपखंड के खुदेई खुल्लेन पहाड़ी क्षेत्र में 25 एकड़ से अधिक अवैध अफीम की खेती को नष्ट कर दिया गया।”

उन्होंने कहा, “आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए एफआईआर दर्ज कर ली गई है। मैं इन अवैध गतिविधियों से निपटने में टेंग्नौपाल जिला पुलिस, बीएसएफ, एआर, रिजर्व लाइन टीमों, वन विभाग और कार्यकारी मजिस्ट्रेट के समन्वित प्रयासों की सराहना करता हूं।”

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कांगपोकपी जिला पुलिस, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और कार्यकारी मजिस्ट्रेट के संयुक्त बलों ने पुलिस अधीक्षक, कांगपोकपी मनोज प्रभाकर की देखरेख में शुक्रवार को सैकुल पुलिस स्टेशन के अंतर्गत लहुंगजांग गांव की पहाड़ी श्रृंखला में अफीम नष्ट करने का अभियान चलाया।

उन्होंने कहा कि क्षेत्र में कानून लागू करने और नशीली दवाओं के खतरे से निपटने के लिए अधिकारियों की स्पष्ट मंशा के बावजूद, अभियान को हिंसक विरोध का सामना करना पड़ा।

अधिकारी के अनुसार, लाठी-डंडों से लैस एक बड़ी भीड़ मौके पर एकत्र हो गई और जबरन ऑपरेशन रोक दिया।

उन्होंने कहा, “पुलिस कर्मियों की सीमित संख्या का फायदा उठाते हुए भीड़ ने तीन पुलिस वाहनों में तोड़फोड़ की और कर्मियों को तोड़फोड़ अभियान रोकने की धमकी दी। स्थिति तेजी से बिगड़ गई और एसपी कांगपोकपी के नेतृत्व में एक दल भीड़ को नियंत्रित करने, व्यवस्था बहाल करने और तोड़फोड़ अभियान की निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए मौके पर पहुंचा।”

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अधिकारी ने बताया कि इस अभियान में अफीम की खेती के लिए इस्तेमाल की जाने वाली भूमि के एक बड़े हिस्से को निशाना बनाया गया, जिसे अवैध अफीम के उत्पादन के प्रमुख स्रोत के रूप में पहचाना गया है।

भीड़ द्वारा उत्पन्न आक्रामकता और धमकी के बावजूद, संयुक्त टीम अपने कार्य को पूरा करने के लिए संकल्पित रही और अफीम की खेती को सफलतापूर्वक नष्ट कर दिया गया।

घटना की आगे की जांच के लिए सैकुल पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज कर ली गई है। सरकार ने इस घटना को बहुत गंभीरता से लिया है और भीड़ की हिंसा की कड़े शब्दों में निंदा की है।

इसमें शामिल सभी लोगों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी, जिसमें अजांग खोंगसाई भी शामिल है, जो गांव और घटना दोनों से जुड़ा हुआ है।

एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि सरकार राज्य भर में अवैध अफीम की खेती पर कार्रवाई जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध है और ‘ड्रग्स के खिलाफ युद्ध अभियान’ के प्रयासों में बाधा डालने के किसी भी प्रयास को बर्दाश्त नहीं करेगी।

इसमें कहा गया है कि अजांग खोंगसाई मणिपुर के कुकी इंपी के अध्यक्ष हैं, जो कुकी-जो जनजातियों की शीर्ष संस्था है।

–आईएएनएस

एकेएस/सीबीटी

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