चनपटिया में अबतक एक भी सरकारी महिला डिग्री कॉलेज नहीं खुला
मीडिया हाऊस न्यूज एजेंसी चनपटिया। वैसे तो उच्च शिक्षा के क्षेत्र में चनपटिया काफी पिछड़ा है। लेकिन यहां सबसे अधिक खराब स्थिति महिला शिक्षा व्यवस्था की है। चनपटिया सूबे का पहला एैसा शहर है। जहां आज तक एक भी सरकारी महिला कॉलेज नहीं है। आजादी के 75 वर्षो के बाद भी यहां युवतियों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए राज्य के दूसरे जिलों का चक्कड़ लगाना पड़ता है। हर चुनाव में उच्च शिक्षा तथा महिला शिक्षा की दयनीय स्थिति का मुद्दा उठता है। लोगों का कहना है कि यहां उच्च शिक्षा व्यवस्था तथा महिलाओं के लिए उच्च शिक्षा व्यवस्था की दयनीय स्थिति के कारण काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। अभिभावको का कहना है कि छात्राओं के लिए अलग से एक अंगीभूत सरकारी महाविद्यालय की स्थापना होना चाहिए। अब तक नहीं बन पाना काफी दुखद स्थिति है। क्योकि महिलाओं के अलग महिला कालेज नहीं रहने के कारण उन्हें उच्च शिक्षा ग्रहण करने में कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। या तो उच्च शिक्षा ग्रहण करने के लिए दुसरे जिले में जाना पड़ता है अथवा मजबूरी में उच्च शिक्षा ग्रहण से वंचित होना पड़ता है। क्योकि अभी भी बड़ी संख्या में अभिभावक महिला कालेज के अभाव में जहां छात्र-छात्रा एक साथ पढ़ते है उस कालेज में अपनी बेटियों को उच्च शिक्षा दिलाने में हिचकिचाते हैं। लोगों का कहना है कि महिला कालेज के अभाव में साधन सम्पन्न एवं आर्थिक रूप से मजबूत लोग तो दुसरे जगह अपने बच्चियों को उच्च शिक्षा ग्रहण करने के लिए भेज देते है। लेकिन आर्थिक रूप से कमजोर बर्ग के लोग साधनहीनता के कारण उच्च शिक्षा ग्रहण नहीं करा पाते है।
चनपटिया के छात्र युवाओं का कहना है कि चनपटिया जैसे पिछड़े क्षेत्र में शीघ्र एक महिला कालेज की स्थाना होना चाहिए। इसबार इंटर पास की छात्रा कहना है कि हमारी समस्याओं पर कोई ध्यान नहीं देता है। यहां महिला कालेज की स्थापना होना चाहिए।