स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकियों से अभिभावक परेशान, बोले- गंभीरता से ले इसे सरकार

नई दिल्ली, 13 दिसंबर(आईएएनएस)। राजधानी दिल्ली में शुक्रवार को 6 निजी स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी के बीच अभिभावक अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित दिखाई दिए। निजी स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी पहले भी मिल चुकी है। दिल्ली पुलिस लगातार इसकी जांच कर रही है।

आईएएनएस से बात करते हुए डिफेंस कॉलोनी स्थित साउथ दिल्ली स्कूल को बम से उड़ाने की धमकियों के बीच स्कूल के गार्ड धर्मेंद्र मांझी ने बताया कि रात के समय फोन पर ईमेल के जरिए यह धमकी मिली, जिसमें स्कूल का जिक्र था। इसके बाद बच्चों को इसकी जानकारी दे दी गई और अभिभावकों को सूचित कर दिया गया कि वे अपने बच्चों को घर ले जाएं। पुलिस स्कूल के अंदर जांच कर रही है।

दिल्ली के सलवान पब्लिक स्कूल को बम से उड़ाने की धमकी के बीच अभिभावक मेघा आनंद ने बताया कि यह गंभीर विषय है कि इस प्रकार की धमकी भरी कॉल आ रहे हैं। कई बार धमकी आ चुकी है। सरकार को इसे गंभीरता से लेना चाहिए। सरकार से मेरी अपील है कि जल्द से जल्द इनसे निपटा जाए। मैं बहुत चिंतित हूं मेरे दो बच्चे यहां पढ़ते हैं, दोनों सुबह स्कूल आए थे। जब समाचार देखा है तो मैं स्कूल पहुंची हूं। स्कूल की ओर से कोई जानकारी नहीं दी गई है। बताया जा रहा है कि बम निरोधक दस्ता पहुंचा था जो अब जा चुका है। अगर ऐसा ही चलता रहा, तो इससे बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ेगा और इससे हमें भी तनाव होगा। इसको बहुत गंभीरता से लेने की जरूरत है अगर हम गंभीरता से नहीं लेंगे और अगर किसी दिन कोई घटना हो जाती है तो उसकी भरपाई कभी नहीं हो पाएगी।

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दिल्ली पब्लिक स्कूल को बम से उड़ाने की धमकी के बीच एक अभिभावक ने बताया है कि स्कूल स्टाफ ने हमें बताया कि आज स्कूल बंद है। मुझे स्कूल में जाने की अनुमति नहीं दी गई, बम की धमकियां मिल रही हैं। सरकार को इस पर तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए, पता लगाना चाहिए कि ईमेल कहां से आ रहे हैं, स्रोत का पता लगाना चाहिए और मामले को बंद करना चाहिए। यह धमकी आज आई है और कुछ दिनों में यह फिर से हो सकती है।

एक अन्य अभिभावक ने कहा है कि यह बिल्कुल भी अच्छी बात नहीं है। यह अभिभावकों, बच्चों और इससे जुड़े सभी लोगों के लिए बहुत परेशान करने वाला मुद्दा है। सरकार को सीधे तौर पर इस बात का पता लगाना चाहिए कि स्कूलों को बार-बार ये धमकियां क्यों भेजी जा रही हैं।

–आईएएनएस

डीकेएम/केआर

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