वोट बहिष्कार का दिखा असर, कई मतदाता मतदान करने से रहे वंचित
मीडिया हाउस न्यूज एजेंसी जुगैल (सोनभद्र) लोकसभा चुनाव में मतदाताओं को जैसे वोट देने का इंतजार होता है। वैसे ही जुगैल ग्राम के मतदाताओं को भी इस खास दिन का इंतज़ार था। क्योंकि नेटवर्क की समस्या से कई दशकों से यहां के रहवासियों को बहुत सी समस्या से जूझना पड़ रहा था। मौके को भुनाते हुए जुगैल खास टोला में मतदाताओं ने मत का बहिष्कार कर डाला। प्राइमरी पाठशाला जुगैल में बने बूथ पर सनाटा पसरा रहा। बूथ संख्या 117, 118, 119 व 120 में हज़ारों की संख्या में वोटर है लेकिन एका दुका वोट ही पड़े। जुगैल प्रधान ने कहा नेटवर्क को लेकर शासन प्रशासन ने हमेशा बरगलाने का काम किया है। कई सालों से ग्रामीण नेटवर्क की मार झेल रहे ग्रामीण। सबसे ज्यादा समस्या गर्भवती महिलाओं को होती है। जिन्हें कभी तत्काल एम्बुलेंस न मिलने से जान से भी हाथ धोना पड़ता है। वही वोट बहिष्कार की बात पर मौके पर पहुंचे ओबरा उपजिलाधिकारी अजय कुमार सिंह ने बहिष्कार करने वाले वोटरों को बहुत समझाने की कोशिश की लेकिन वोटर माने नहीं और मौके पर जिलाधिकारी को बुलाने की मांग करने लगे। हालांकि 2 बजे के लगभग मतदाताओं ने उच्च अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद मतदाताओं ने अपने मत का प्रयोग किया। लेकिन बड़ी संख्या में मतदाता वोट देने से वंचित रहे।
बताते चले कि चोपन ब्लाक की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत जुगैल ग्राम में नेटवर्क ना होने की वजह से मुखर होकर मतदाताओं ने मत का बहिष्कार किया लोगों ने भी सड़क पर इकट्ठा होकर नेट नहीं तो वोट नहीं की तख्ती लेकर रोड पर ग्रामीणों जमकर प्रदर्शन किया। इस दौरान ग्राम प्रधान सुनीता यादव भी मतदाताओं के साथ देती नजर आई। उन्होंने कहा कि कई दशकों से मोबाइल नेटवर्क की समस्या जुगैल ग्राम में है जबकि कई क्षेत्रों के कोने-कोने में लोग नेटवर्क का उपयोग कर रही। डिजिटल युग में जुगैल ग्राम को नेटवर्क से वंचित रखा गया है। कई बार शासन स्तर से भी नेटवर्क की समस्या को हल करने की गुहा लगाई गई। लिखित तक दिया गया। सरकार के नुमाइंदे आये यहां तक की जिला प्रभारी मंत्री भी दो दिवसीय दौरे पर आकर जुगैल में निवास कर चुके। फिर भी नेटवर्क की समस्या जस की तस बनी हुई है। जिले की अधिकारियों ने भी कहा था की वोटिंग से पहले बीएसएनल का टावर लग जाएगा। जिससे आप लोगों को थोड़ी बहुत राहत होगी। जुगैल ग्राम प्रधान सुनीता यादव ने बताया कि नेटवर्क से सबसे बड़ी समस्या महिलाओं को होती है प्रसव पीड़ा के समय एंबुलेंस तत्काल बुलाने में नेटवर्क का अहम योगदान होता है। नेटवर्क ना होने की वजह से कई गर्भवती महिलाएं काल की गाल में समा चुकी है। लेकिन अधिकारियों की कान पर जूं तक नहीं रेंगती। अधिकारी बंद ऐसी कमरे में 5G के नेटवर्क में रहते हैं जबकि ग्रामीण 47 डिग्री की टेंपरेचर में पहाड़ों पर नेटवर्क खोजते है। इस दौरान अचेत होकर गिर भी जाते हैं। वहीं बहिष्कार की खबर ओर मौके पर पहुंचे ओबरा उप जिलाधिकारी अजय कुमार सिंह ने बहिष्कार कर रहे हैं मतदाताओं को बहुत समझाने की कोशिश की। लेकिन मतदाताएं अपने फैसले पर जस के तस खड़े रहे। मतदाताओं ने उपजिलाधिकारी से दो टूक कहा हर बार चुनाव में यही वादा किया जाता है कि जुगैल क्षेत्र को नेटवर्क जल्द मिल जाएगा। लेकिन चुनाव बीतने के बाद ना कोई अधिकारी आता है ना कोई सांसद और विधायक। आप भी यहां आए है सिर्फ वोट कराने का दबाव देने के लिए लेकिन आपका दबाव आज काम नहीं आएगा। जिलाधिकारी मौके पर आकर आश्वासन दे तब बात बनेगी। फिलहाल बूथ पर एका दुक्का वोट के अलावा हज़ारों मतदाताओं ने वोट का बहिष्कार कर दिया। लोगों ने कहा जनता में कितनी ताकत होती है ये आज देख लिया सबने बस मौके का इंतज़ार होता है। आखिरकार उच्च अधिकारी मतदाताओं को मनाने में कामयाब रहे और आश्वासन दिया की बस कुछ दिनों में टावर लग जाने से नेटवर्क की समस्या से निजात मिल जाएगा। आश्वासन के बाद मतदाताओं ने अपने मत का प्रयोग किया फिर भी कई मतदाता वोट देने से वंचित रहे जिस वजह से उनको निराशा हाथ लगी।