एमएसएमई सेक्टर की वर्तमान विकास दर को बढ़ाकर दोगुना करने की अवश्यकता
ब्यूरों,मीडिया हाउस लखनऊ-उत्तर प्रदेश के एमएसएमई मंत्री राकेश सचान ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया कि एक्सप्रेस-वे के आस-पास की भूमि को चिन्हित करते हुये एमएसएमई पार्क स्थापित किये जाने पर जोर दिया जाये। साथ ही साथ जनपदों में रिक्त पडी भूमि का चिन्हांकन उपायुक्त उद्योग द्वारा युद्ध स्तर पर किया जाए जिससे कि निवेशकों को असानी से भूमि उपलब्ध हो जायें। उन्होंने निर्देश दिए कि प्रदेश के राजकीय औद्योगिक स्थानों में रिक्त एवं अक्रियाशील भूखण्डों को चिन्हित करते हुये नये उद्यमियों/निवेशकों को आवंटित करने की कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के क्रम में निवेशकों द्वारा प्रारम्भ की गयी परियोजनाओं की हैण्डहोल्डिंग की जाए। उपायुक्त उद्योग एवं उद्योग निदेशालय के स्तर पर इन प्रस्तावों/परियोजनाओं का निरन्तर अनुश्रवण किया जाये।
उत्तर प्रदेश के एमएसएमई, निर्यात प्रोत्साहन, खादी एवं ग्रामोद्योग मंत्री राकेश सचान ने यह निर्देश आज यहाँ खादी भवन में वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के माध्यम से एमएसएमई विभाग की समीक्षा के अवसर पर दिया। उन्होंने निर्देश दिया कि प्रदेश के सभी जिला उद्योग केन्द्रों एवं संयुक्त आयुक्त कायार्लयों को इन्वेस्टर फ़्रेंडली बनाने के लिये इन कायार्लयों का सौंदर्यीकरण एवं सुदृढ़ीकरण किया जाये। आगन्तुक उद्यमियों हेतु पृथक से कक्ष निर्मित किए जाये, साथ ही साथ जिला उद्योग केन्द्रों कों आई0टी0 आधारित करते हुये पर्याप्त मानव सम्पदा तैनात की जाये। उन्होंने निर्देश दिया कि मुख्यमंत्री दुर्घटना बीमा योजना की प्रगति सुनिश्चित करने हेतु योजना का पर्याप्त प्रचार-प्रसार किया जाये। योजना के सफल संचालन में समस्त उपायुक्त उद्योगों द्वारा विशेष रूचि ली जाये। उद्योग आधार पोर्टल पर पंजीकरण की संख्या बढ़ाने हेतु अभियान के तौर पर प्रयास किये जाये।
श्री सचान में निर्देश दिया कि विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना एवं ओडीओपी टूलकिट योजना के इच्छुक लाभार्थियों को विभिन्न योजनाओं से आच्छादित करते हुए ऋण उपलब्ध कराया जाए। पी0एम0 विश्वकर्मा योजना के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु समस्त उपायुक्त उद्योग सभी स्टेक होल्डर से समन्वय स्थापित करके समुचित प्रयास करें। विभाग में रिक्त पदों के सापेक्ष पदोन्नति एवं अधिचायन प्रेषित करने की कार्यवाही तत्काल प्रारम्भ की जाये।
राकेश सचान ने कहा कि उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को 01 ट्रिलियन डॉलर तक के लक्ष्य पूरा करने में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों की अहम भूमिका है। वर्तमान में एमएसएमई सेक्टर की वर्तमान विकास दर को बढ़ाकर दोगुना करने की अवश्यकता है।उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी व कर्मचारी एमएसएमई से संबंधित योजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए अभियान चलाकर कार्य करें। उद्यमिता विकास पर विशेष ध्यान दिया जाए। एमएसएमई द्वारा कराये जा रहे कार्यों की नियमित समीक्षा की जाएगी। एमएसएमई क्षेत्र में रोज़गार की असीम संभावनाएँ हैं। प्रदेश में कृषि के बाद एमएसएमई क्षेत्र में रोजगार की सर्वाधिक संभावनाएं हैं, इसके लिए औद्योगिक इकाइयों के उत्पादन को और अधिक बढ़ाने और नए उद्यमों के स्थापना के लिए तेजी से कार्य किया जाए, जिससे और अधिक रोज़गार का सृजन हो सके। बैठक में प्रमुख सचिव एमएसएमई एवं निर्यात प्रोत्साहन आलोक कुमार, सचिव प्रांजल यादव, उद्योग आयुक्त एवं निदेशक राजेश कुमार सहित अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे।