नहाए खाए के साथ लोक आस्था का महापर्व आज से,कद्दू की सब्जी और चना दाल के सेवन के साथ व्रती छठ महापर्व की करेगी शुरुआत

मीडिया हाउस 17ता.औरंगाबाद धर्मेन्द्र गुप्ता। आज से लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा की शुरुआत ।भगवान सूर्य और छठी माता को समर्पित यह महापर्व छठ पूजा हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्टी तिथि को मनाया जाता है। चार दिनों तक चलने वाले इस पर्व की शुरुआत 17 नवंबर से होगी और 20 नवंबर तक चलेगी ।ज्योतिष एवं कर्मकांड विशेषज्ञ पंडित अनिल किशोर पाठक ने बताया कि छठ पूजा में व्रती संतान के स्वास्थ्य, धन, ऐश्वर्य सफलता और दीर्घायु के लिए पूरे 36 घंटे का निर्जला उपवास करते हैं। जिसे महिलाओं के साथ ही पुरुष भी रखते हैं। कार्तिक माह के चतुर्थी तिथि को पहले दिन नहाए खाए, दूसरे दिन खरना तीसरे दिन डूबते सूरज और चौथे दिन उगते सूरज को अधर्य दिया जाता है इसके बाद व्रत का पारण किया जाता है।
*गुरुवार से नहाए खाए का हुआ अनुष्ठान*
छठ पूजा की शुरुआत 17 नवंबर 2023 से होगी पहले दिन आज 17 नवंबर को नहाए खाए होगा। इस व्रत में साफ सफाई का खास ख्याल रखना होता है ।इसलिए नहाए खाए के दिन महिलाएं नहाने के बाद घर की साफ सफाई करती है। नहाए खाए के दिन हर घर में चने की दाल लौकी की सब्जी और अरवा चावल भात प्रसाद के रूप में बनता है।
*18 नवंबर को होगा खरना*
छठ महापर्व की दूसरे दिन को खरना कहा जाता है इस बार खरना 18 नवंबर को है। इस दिन व्रती दिनभर निर्जला उपवास रखकर शाम को गाय के शुद्ध दूध एवं गुड़ से खीर का प्रसाद बनाकर भगवान सूर्य तथा छठ माता को भोग लगाकर प्रसाद ग्रहण करेंगे और उस खीर को प्रसाद के रूप में बांटा जाता है।
*19 को होगा पहला अधर्य*
छठ पूजा के तीसरे दिन सूर्यास्त के समय डूबते हुए सूरज को अधर्य देते हैं । व्रती महिला और पुरुष नदी तालाब या फिर घर में ही पानी में खड़े होकर ठेकुआ एवं फलों से भरे सुप व दाउरा से अधर्य देंगे ।इस बार सूर्यास्त का समय शाम 5:37 पर होगा
*20 को उदयमान सूर्य को अधर्य*
चौथे दिन व्रती पानी में खड़े होकर पुनः उगते सूरज को ठेकुआ व फलों से भरे सुप एवं दाउरा के साथ दूध व जल से अधर्य देंगे इसके बाद छठ पूजा का समापन होता है 20 को सूर्योदय सुबह 6:31 पर होगा उदयमान सूरज को अधर्य के साथ व्रती पूरा अर्चना के बाद पूरे विधि विधान के साथ अपना व्रत खोलेंगे।