बीजापुर में दो इनामी माओवादियों ने किया आत्मसमर्पण

बीजापुर, 8 मार्च (आईएएनएस)। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में माओवादी संगठन की क्रूर विचारधारा से तंग आकर दो इनामी माओवादियों ने आत्मसमर्पण कर दिया। दोनों माओवादी लंबे समय से संगठन से जुड़े थे और राज्य सरकार की पुनर्वास नीति एवं विकास कार्यों से प्रभावित होकर समाज की मुख्यधारा में लौटने का फैसला किया।
आत्मसमर्पित माओवादियों की पहचान सुखराम फरसीक (गंगालूर एरिया कमेटी पार्टी सदस्य)और पंडरू फरसीक (बुरजी आरपीसी जनताना सरकार अध्यक्ष) के रूप में हुई है। दोनों पर एक-एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था।
बीजापुर पुलिस, डीआरजी, एसटीएफ, कोबरा एवं केरिपु बल के संयुक्त प्रयासों से माओवादी आत्मसमर्पण कर रहे हैं। जिले के अंदरूनी इलाकों में चल रहे विकास कार्यों, शासन की कल्याणकारी योजनाओं और पुलिस-सुरक्षा बलों की सामुदायिक पहल ने नक्सलियों के मन में भरोसा जगाया है।
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा चलाए जा रहे “नियद नेल्लानार योजना” के तहत सुदूर गांवों तक सड़कें, शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाएं और अन्य बुनियादी विकास कार्य तेजी से बढ़ रहे हैं। इससे प्रभावित होकर बड़ी संख्या में माओवादी समाज की मुख्यधारा में लौटने का निर्णय ले रहे हैं।
आत्मसमर्पण करने वाले दोनों माओवादियों को 25,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी गई। छत्तीसगढ़ शासन की नक्सल उन्मूलन एवं पुनर्वास नीति के तहत आवास, रोजगार और सुरक्षा जैसी सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। पुनर्वास नीति का उद्देश्य आत्मसमर्पित नक्सलियों को समाज में सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर देना है।
इन दोनों माओवादियों ने पुलिस उपमहानिरीक्षक (केरिपु) बीजापुर देवेंद्र सिंह नेगी, पुलिस अधीक्षक बीजापुर डॉ. जितेंद्र कुमार यादव समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण किया।
–आईएएनएस
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