गरीबों के लिए बजट में कुछ नहीं- वसीम मंजर

मीडिया हाऊस न्यूज एजेंसी बेतिया संवाददाता। राजद के राष्ट्रीय युवा सचिव वसीम मंजर ने कहा अरबपति के कर्ज माफ नहीं किए जाएं लेकिन ऐसा नहीं किया गया है, आगे कहा कि इस बजट में जरूरी क्षेत्रों में खर्च न बढ़ा कर सरकार की गलत दिशा में जारी प्राथमिकतायें फिर से उजागर हुई हैं. आंकड़े स्पष्ट बता रहे हैं कि कुल बजट खर्च में दिख रही बढ़ोतरी का करीब 40 प्रतिशत तो लिये गये कर्ज का अतिरिक्त ब्याज चुकाने में ही खर्च हो जायेगा. जबकि जरूरतमंद आम जन पर बोझ बढ़ता जा रहा है, वहीं जीएसटी व इन्कम टैक्स की हिस्सेदारी कॉरपोरेट टैक्स से ज्यादा हो रही है. आज पेश बजट 2025—26 मोदी सरकार की अपने क्रोनी पूंजीपतियों और कॉरपोरेट क्षेत्र के पक्ष में जारी आर्थिक अराजकता को पुन: स्थापित कर रहा है. मजदूरों की वास्तविक मजदूरी दर में आयी कमी और उनके नियमित रोजगार के कम हो रहे अवसर की सच्चाई को अनदेखा किया गया है, जबकि सरकार जानती है कि कॉरपोरेट टैक्स का मुनाफा चार गुना तक बढ़ गया है, फिर भी सरकार कॉरपोरेटों पर टैक्स नहीं बढ़ाना चाहती. ग्रामीण महिलाऐं जो स्वयं सहायता समुह में कर्ज के जाल फंसे हुए हैं इन महिलाओं का कर्ज माफ करने की उम्मीद था जिसपर यह केन्द्रीय बजट पानी फेरा है।