'आतंकवादियों को चुकानी पड़ेगी भारी कीमत', श्रीनगर ग्रेनेड हमले पर बोले एलजी मनोज सिन्हा

श्रीनगर, 3 नवंबर (आईएएनएस)। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने रविवार को श्रीनगर में ‘संडे मार्केट’ पर ग्रेनेड हमले के बारे में पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) नलिन प्रभात से बात की।

इस दौरान उन्होंने आतंकवादियों और उनके सहयोगियों को दंडित करने के लिए प्रभावी कदम उठाने को कहा।

एलजी ने डीजीपी से कहा, “नागरिकों को निशाना बनाने वाले आतंकवादियों को अपने कृत्यों के लिए बहुत भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। आपको आतंकी संगठनों को कुचलने की पूरी आजादी है और इस मिशन को पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़नी है।”

उन्होंने घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की तथा निर्देश दिया कि जिला प्रशासन उन्हें हरसंभव सहायता प्रदान करे।

अधिकारियों ने बताया कि आतंकवादियों ने श्रीनगर में सीआरपीएफ के एक वाहन पर ग्रेनेड फेंका, लेकिन निशाना चूक गया और ग्रेनेड सड़क पर फट गया, जिससे 10 से ज्यादा पैदल यात्री और खरीददार घायल हो गए।

अधिकारियों ने बताया कि अज्ञात आतंकवादियों ने श्रीनगर शहर में टूरिस्ट रिसेप्शन सेंटर (टीआरसी) क्रॉसिंग के पास सीआरपीएफ के मोबाइल बंकर वाहन पर ग्रेनेड फेंका।

जिस स्थान पर ग्रेनेड विस्फोट हुआ, वहां रविवार को ‘संडे मार्केट’ के कारण खरीददारों की भीड़ लगी रहती है, क्योंकि सप्ताहांत की छुट्टी के कारण दुकानें बंद रहती हैं। ‘संडे मार्केट’ में गर्म कपड़े, कंबल, जैकेट, बर्तन, क्रॉकरी, जूते आदि बेचने वाले फेरीवाले बड़ी संख्या में आते हैं।

यह हमला श्रीनगर के खानयार इलाके में मुठभेड़ में पाकिस्तानी लश्कर-ए-तैयबा के शीर्ष कमांडर उस्मान भाई उर्फ ​​छोटा वलीद के मारे जाने और चार सुरक्षाकर्मियों के घायल होने के एक दिन बाद हुआ है।

छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में भीषण सड़क हादसे में तीन लोगों की दर्दनाक मौत

पिछले महीने आतंकवादियों ने गांदरबल जिले के गगनगीर इलाके में एक श्रमिक शिविर पर हमला करके छह गैर-स्थानीय श्रमिकों और एक स्थानीय डॉक्टर की हत्या कर दी थी।

इसके बाद 25 अक्टूबर को आतंकवादियों ने बारामूला जिले के गुलमर्ग स्की रिसॉर्ट के बूटा पाथरी इलाके में सेना के तीन जवानों और दो गैर-सैनिक कुलियों की हत्या कर दी थी।

आतंकवादियों ने 1 नवंबर को बडगाम जिले के मगाम क्षेत्र के मजहामा गांव में दो गैर-स्थानीय लोगों पर गोलीबारी की।

नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने आरोप लगाया है कि ये हमले उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली सरकार को अस्थिर करने के लिए किए जा रहे हैं।

उन्होंने इन हमलों के लिए कौन सी एजेंसी जिम्मेदार है, इसका पता लगाने के लिए स्वतंत्र जांच की मांग की है।

खुफिया एजेंसियों का मानना ​​है कि सीमा पार से आतंकवाद के संचालक जम्मू-कश्मीर में शांतिपूर्ण, जनता की भागीदारी वाले लोकसभा और विधानसभा चुनावों के आयोजन के बाद हताश हो गए हैं।

एक शीर्ष खुफिया अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, “आतंकवाद के ये संचालक जम्मू-कश्मीर में शांति और सौहार्द्र बिगाड़ने की आखिरी कोशिश कर रहे हैं।”

–आईएएनएस

एकेएस/एकेजे

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *