प्रजापिता ब्रह्मा की 55 वीं पुण्यतिथि विश्व शांति दिवस के रूप में मनाई गई।

ब्यूरों,मीडिया हाउस दुमका-उपराजधानी दुमका में विश्व शांति दिवस गुरुवार 2024 को ब्रह्मा बाबा की 55 वी पुण्यतिथि विश्व शांति दिवस के रूप में मनाई गई। यह कार्यक्रम ओम शांति भवन में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय संस्थान के दुमका शाखा द्वारा प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के संस्थापक प्रजापिता ब्रह्मा की 55 वीं पुण्यतिथि विश्व शांति दिवस के रूप में मनाई गई। इस अवसर पर संपूर्ण विश्व के कल्याणार्थ ब्रह्मा बाबा को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए प्रार्थना सभा आयोजित की गई, जिसमें संस्था की बहनें बीके जयमाला बीके रेखा और मौसमी बहन एवं माता और भाइयों ने अपने श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए बाबा की पुण्यतिथि मनाई गई और बाबा के बताए गए मार्ग पर चलकर विश्व में शांति स्थापित करने का संकल्प लिया एवं श्रद्धांजलि दिया।

और ब्रह्मा बाबा के मार्ग पर चलने का आह्वान किया और कहा कि यहां सच्चे मन की शांति मिलती है और जो भी सच्चे मन और भक्ति भाव से बाबा के दरबार में आते हैं उन्हें निश्चित रूप से सुकून मिलता है संस्था की संचालिका बी के जयमाला ने कहा कि यह दिन एक ऐसे महान व्यक्ति का महाप्रयायण दिन है जिसने अपने तन – मन – धन को समस्त मानव जीवन के कल्याण में लगा दिया और उसका कोई भी श्रेय नहीं लिया और जगत से विदा ले लिए ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के स्थानीय सेवा केंद्र दुमका में मन की शांति एकाग्रता एवं तनाव रहित जीवन के लिए राजयोग का प्रशिक्षण प्रातः 7:00 बजे से 10:00 तक और संध्या 4:00 बजे से 8:00 बजे तक निशुल्क दिया जाता है।यहां आकर आप सुविधा अनुसार राजयोग का प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते हैं। प्रजापिता ब्रह्मा की पुण्यतिथि को प्रतिवर्ष विश्व शांति दिवस के रूप में मनाया जाता है।

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पिताश्री ब्रह्मा बाबा का दैहिक जन्म हैदराबाद के सिंध प्रांत में एक साधारण घराने में हुआ था। इनका लौकिक नाम दादा लेखराज कृपलानी था।उनके पिता निकट गांव में ही प्रधानाध्यापक थे,दादा लेखराज अपने विशेष बौद्धिक क्षमता व्यापारिक कुशलता व्यावहारिक शिष्टता अथक परिश्रम श्रेष्ठ स्वभाव एवं जवाहरात की अचूक परख के बल पर सफल व प्रसिद्ध जौहरी बने,इनका मुख्य केंद्र कोलकाता था प्रभावशाली व्यक्तित्व मधुर स्वभाव भक्ति भावना और नियम के पक्के बाबा ने इस विश्वविद्यालय की स्थापना सन् 1936 में भारत विभाजन के पूर्व हैदराबाद के सिंध में ओम मंडली के नाम से किया जब परमपिता परमात्मा ने इनके तन का आधार लिया था 14 वर्ष के बाद सन 1950 में ओम मंडली का परिवर्तित नया नाम “प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय” संस्था का मुख्यालय राजस्थान के माउंट आबू कर दिया गया।

इसकी 140 देश में 10000 शाखाएं,करोड़ों छात्र – छात्राएं प्रतिदिन आध्यात्मिक मूल्यों का क्लास करते हैं यहां की शिक्षा के अनुसार परमात्मा एक तथा निराकार एवं अनादि है और यह विश्व सर्वशक्तिमान सक्ता है ज्ञान के सागर हैं। इस संस्था को शिक्षा के वैश्विक स्वीकृति और अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त है। इसे संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा अंतर्राष्ट्रीय शांति पदक और विभिन्न देशों द्वारा पांच राष्ट्रीय स्तर का शांतिदूत पुरस्कार प्राप्त हुआ है। इस विश्व शांति दिवस के अवसर पर संस्था के संस्थापक प्रजापिता ब्रह्मा बाबा को पूर्व समाज कल्याण मंत्री डॉक्टर लुईस मरांडी,दैनिक जागरण के चीफ ब्यूरो राजीव रंजन,संदीप कुमार जय बमबम,प्रमोद राउत,किशोर सिंह जी,राजेश कुमार सिंह,डॉक्टर राजेश रोशन और डॉक्टर श्वेता स्वराज एवं गणमान्य व्यक्तियों ने संस्था में आकर श्रद्धासुमन अर्पित कर श्रद्धांजलि दिया।

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