पर्यटन स्थल पर लोगों का होगा जमावड़ा,

आशीष कुमार साव,मीडिया हाउस बड़कागांव-बड़कागांव प्रखंड में 2024 के आगमन की तैयारियां जोरों की जा रही है लोग अपने स्तर से नव वर्ष मनाने की तैयारी में जुटे हुए हैं। रविवार रात्रि को 31 दिसंबर को घड़ी की सूई ठीक 12:00 बजे पहुंचते ही नव वर्ष 2024 का आगाज होगा। लोग आतिशबाजी कर नव वर्ष का स्वागत करेंगे। सोशल मीडिया के माध्यम से आप लोग अपने दोस्तों रिश्तेदारों को नव वर्ष की मैसेज देखकर नव वर्ष की बधाइयां देंगे। वही कल नव वर्ष 1 जनवरी को लोग विशेष रूप से अधिकतर मानना चाहेंगे जिसमें सबसे अधिक बरसों पानी जैसे जंगलों में पिकनिक स्पॉट जाकर लोग रणमिक स्थानों का आनंद लेंगे वनभोज करेंगे।
बरसो पानी बड़कागांव प्रखंड से 26 किलोमीटर दूर स्थित बरसों पानी पर्यटन स्थल अंगों पंचायत के झिकझोर जंगल में स्थित है। पूरे देश में यह दूसरा स्थान है जहां ताली बजाने से बारिश होती है। इस स्थल की खासियत है कि आप जितनी जोर से ताली बजाएंगे या तेज स्वर में बरसों पानी बरसों पानी बोलने से उतना ही जोर से चट्टान की ऊपरी परत से झमाझम बारिश होने लगेगी। यहां गर्मियों में पानी की बूंदे टपकने की रफ्तार तेज हो जाती है। हैरतअंगेज है कि चट्टान की सतह पर किसी भी प्रकार का जल जाम का स्रोत नहीं है।
जोभिया घाटी प्रखंड मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूरी तलसवार पंचायत में स्थित है। जोभिया घाटी में चट्टानो के बीच कई झरने बहती है। जोभिया घाटी चिकनी चट्टान जो सीढ़ीदार है जो दर्शनिय जो लोगों को आकर्षित करता है।
अंबा झरना यह पिकनिक स्पॉट बादाम पंचायत में स्थित है यह चारों ओर पहाड़ों से घिरा है। बड़कागांव से तकरीबन 19 किलोमीटर दूर पर स्थित अंबा झरना के पानी काफी स्वादिष्ट है। जिसके कारण पिकनिक मनाने वाले सैलानियों की भीड़ यहां काफी देखी जाती है। जो लोग एक बार आते हैं वह दोबारा आने की इच्छा जाहिर करते हैं।
डुमारो झरना प्रखंड के कांडतरी पंचायत से 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। जहां पर अनगिनत छोटी-छोटी कल कल करती झरना सालों भर बहती रहती है। गर्मी में झरना से पानी का बाहर तेज हो जाता है जो बरबस अपनी ओर खींच लेता है। इस पानी का खासियत है कि आप जितना खाओगे वह हजम हो जाएगा।
इसको गुफा 30 वर्ष पूर्व बुलू इमाम के द्वारा खोजी गई इसको गुफा प्रखंड के नापोखुर्द पंचायत में है प्रखंड से तकरीबन 20 किलोमीटर दूरी पर स्थित है। इस पर्यटन केंद्र में अति प्राचीन पाषाण युग में उकेरी गई जीवन शैली की आकृतियां आज भी मौजूद है।
गट्टी कोचा झरना प्रखंड से 18 किलोमीटर दूर स्थित महुंगाईकलां पंचायत स्थित हाहे गांव के समीप जंगल में स्थित है। इस झरना की इतनी खूबसूरती है कि लोगों को बर्बाद अपनी ओर खींच लाता है। 50 फीट ऊंचे चट्टान से गिरते पानी को देखने के लिए विशेष रूप से दूर-दूर लोग आते हैं।
कोती झरना कोती झरना नदी बड़कागांव प्रखंड एवं केरेडारी प्रखंड के सीमा पर स्थित है। आंगों पंचायत स्थित पटेरिया पानी गांव के पास है इस नदी का खासियत है कि सर्दियों के दोनों अपेक्षाकृत गर्मी के दिनों में जलस्तर काफी बढ़ जाता है यह नदी कभी भी सूक्ति नहीं है सालों भर पानी बहता रहता है।
मुरली पहाड़ प्रखंड मुख्यालय से 17 किलोमीटर दूर नापो खुर्द पंचायत में स्थित है। मुरली पहाड़ में चिकनी पहाड़ के बीच 50 फीट ऊंची शिव मंदिर है। मंदिर कि खासियत है कि मंदिर के ऊपर शिवलिंग बना हुआ है। तथा चट्टान में कही नाले बहती है। तथा चट्टानों के बीच दर्जनों प्राचीन मूर्तियां स्थापित है।