वाराणसी शक्तिनगर मुख्य मार्ग-अनुप्रिया पटेल को नन्दी का जवाब.! टोल प्लाजा नहीं हो रही गलत वसूली.!

मीडिया हाउस न्यूज एजेंसी लखनऊ- वाराणसी-शक्तिनगर मार्ग पर टोल प्लाजा की अनियमितता को लेकर केंद्रीय राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल के आरोपों को योगी सरकार के मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ ने तथ्यहीन बताया है। नंदी ने कहा है कि सम्बंधित मामले में कहीं भी अनाधिकृत टोल वसूली नहीं की जा रही है।

अनुप्रिया पटेल को लिखे जवाबी पत्र में यूपी सरकार के औद्योगिक विकास मंत्री ने हर एक आरोप का तथ्य के साथ बिंदुवार जानकारी दी है। उन्होंने कहा है कि वाराणसी-शक्तिनगर मार्ग पर पूर्व में 3 स्थानों यथा-फत्तेपुर (चैनेज 4.680 किमी), लोढ़ी (चैनेज 68.100 किमी) तथा मालोघाट (चैनेज 108.940 किमी) पर निर्धारित मानकों के अनुरूप टोल प्लाजा स्थित हैं। निजी विकासकर्ता द्वारा यह शिकायत किये जाने पर कि फत्तेपुर टोल प्लाजा से शक्तिनगर जाने वाले वाहन नरायनपुर-जमुई के रास्ते चुनार होते हुये अहरौरा से पहले वाराणसी-शक्तिनगर मार्ग पर चले जाते हैं एवं शक्तिनगर से वाराणसी को आने वाले वाहन अहरौरा के बाद (मार्ग के चैनेज 18.700 किमी) चकिया होते हुये चले जाते हैं, जिससे राजस्व की हानि होती है।

उक्त लीकेज को रोकने के लिये अहरौरा में एडिशनल टोल कलेक्शन बूथ स्थापित करने की अनुमति सशर्त अनुमति दी गई। एडिशनल टोल बूथ के लिए शर्त थी कि फत्तेपुर या अहरौरा में से किसी एक टोल पर ही वाहन से टोल फीस वसूली की जाए। राज्य सरकार के मंत्री ने स्पष्ट किया है कि अहरौरा टोल प्लाजा पर केवल उन्हीं वाहनों से शुल्क वसूल किया जाता है, जो फत्तेपुर टोल प्लाजा पर टोल का भुगतान नहीं करते हुये वाराणसी- शक्तिनगर मार्ग का उपयोग करते हैं। उन्होंने कहा है कि टोल प्लाजा फत्तेपुर एवं अहरौरा मे से एक ही स्थान पर टोल लेने की व्यवस्था है। इस प्रकार उपर्युक्त टोल की व्यवस्था एवं एक से दूसरे टोल के बीच की दूरी स्थापित मानकों के अनुरूप है। यही नहीं, निजी विकासकर्ता मे. एसीपी टोलवेज प्रा.लि. (मे.एपको) को पूर्व में टोल बूथों पर फास्ट टैग सिस्टम लगाकर टोल शुल्क वसूली के लिये निर्देशित किया गया था, परन्तु उनके द्वारा अपेक्षित कार्यवाही न किये जाने के कारण पुनः 14 जुलाई को उनके प्रतिनिधि को बुलाकर यह निर्देश दिए गए कि एक माह के अन्दर मार्ग के सभी टोल बूथों पर फास्ट टैग सिस्टम लगाकर टोल वसूली किया जाना सुनिश्चित किया जाए। इस तरह केंद्रीय राज्य मंत्री की आपत्तियां निराधार हैं।

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बता दें कि वाराणसी-शक्तिनगर मार्ग (एसएच-05ए) का निर्माण पीपीपी के आधार पर निजी विकासकर्ता द्वारा किया गया है। कन्सेशन अनुबंध के अनुसार मार्ग का 20 वर्ष का कन्सेशन पीरिएड दिनांक 05 फरवरी 2013 से प्रारम्भ होकर दिनांक 04 फरवरी 2033 तक है।

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