बोकारो में माफिया युवाओं को ब्राउन शुगर की धरा रहे लत,पुड़िया बनाकर की जा रही ब्रिक्री।

250 रूपए से लेकर 600 रूपए तक पुडिया बनाकर बेच रहे है कर रहे लाखों की कमाई।
मीडिया हाउस न्यूज एजेंन्सी 28ता०बोकारो : बोकारो जिले में ब्राउन शुगर ( ड्रग्स हिरोइन )की धड़ल्ले से ब्रिक्री की जा रही है सजायाफ्ता काट चुके माफिया छोटे छोटे बच्चों को भी इसकी लत और आदत दे रहे है लाखों करोडों रूपए के इस हिरोइन को पुड़िया में बनाकर 250 रूपए से लेकर 600 रूपए तक की पुड़िया बनाकर लोगो को बेचा और परोसा जा रहा है। मामला माराफारी क्षेत्र के आदिवासी इलाका जाटान टोला तथा दुसरी जगह बाहागोडा मोड की है जहां बेधड़क यह धंधा फल फुल रहा है। मिली सुत्रों के अनुसार कई ऐसे नाम है जिसमें जाटान टोला इलाके में 250/300 रूपया में पुडिया बनाकर छोटे – छोटे बच्चों को भी इसका आदी बनाया जा रहा है। तथा बोकारो के आस पास के जानकार नशेडी लेने आते हैं बताया जाता है की इस धंधे की भूमिका का सरगना तीन पार्टनर है तथा एक स्टाफ है जो माल देने और पहुंचाने का काम करता है। वही दुसरी और बाहागोडा मोड समीप एक ब्यक्ति बैठा रहता है और कोई अगर 500/600 का पुड़िया लेने आता है तो उससे पैसा ले कर अपने घर से लाकर बेचने का काम करता है पहले भी इस मामले में वह जेल जा चुका है दोनो ही जगहों पर ड्रग्स माफिया दीमक की तरह बच्चों का भविष्य खराब कर लाखों करोडो रूपए की काली कमाई कर रहे है यही नहीं सभी माफिया पहले भी कई बार जेल जा चुके है। लेकिन फिर भी जिले में बेधड़क प्रशासन के नाक के निचे हिरोइन की सप्लाई कर रहे है। मानो इन्हे पुलिस का भय ही ना हो। बाहागोडा में 500/ रूपए से लेकर 600 रूपए वाला पुड़िया तथा जाटान टोला में 250 रूपए से 300 रूपए तक की पुड़िया बनाकर बेचा जाता हैं। सुत्रों की मानें तो जिले में दिन दहाड़े बेधड़क माफिया पुलिस की मिलीभगत से ड्रग्स को बेच रहे है और इसके लिए एक मोटी रकम हर महिने माफियाओं द्वारा दी जाती है। जिसके कारण ना इन्हे डर है और ना इन्हे भय लोगो को बेधड़क खुलेआम यह नशीली प्रदार्थ बेच और परोस रहे है। जल्द ही प्रशासन ऐसे माफियाओं पर नकेल नही कसती है तो वह दिन दूर नही की देश के भविष्य कहे जाने युवा नशे की चपेट में अपना भविष्य खराब कर चुके हो और कितने परिवार इस नशे की चपेट में आकर तबाह और बर्बाद हो चुकी होगी। कहा जाए तो हिरोइन नशे की लत के कारण युवा बर्बाद ही नही हो रहे है लत की तलब अपराध करने को भी मजबूर कर देती है। और फिर अपराध पे अपराध,फिर वही युवा पुरी तरह अपराधी बन चुका होता है।