लखनऊ-सेतु भारी वाहनों के आवागमन हेतु सुरक्षित नहीं है।

मीडिया हाउस न्यूज एजेन्सी लखनऊ-लखनऊ शहर में दिल्ली-बरेली-सीतापुर राष्ट्रीय राजमार्ग के शहरी भाग में गोमती नदी पर वर्ष 1914 में निर्मित हार्डिंग ब्रिज (पक्का पुल) के एतिहासिक महत्व को दृष्टिगत रखते हुये मा0 उच्च न्यायालय की लखनऊ खण्डपीठ में वर्ष-2022 में योजित की गयी पी0आई0एल0 पर मा0 न्यायालय द्वारा इस सेतु के संरक्षण के सम्बन्ध में पारित किये गये आदेशों के अनुपालन में इस पुल की भार वहन क्षमता का परीक्षण केन्द्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान तथा आईआईटी रूड़की से कराया गया था। सेतु के कराये गये परीक्षण में यह सुझाव दिया गया था कि यह सेतु भारी वाहनों के आवागमन हेतु सुरक्षित नहीं है। इसके परिणामस्वरूप सेतु के दोनों तरफ विभाग द्वारा हाइटगेज बैरियर लगवाये गये थे, किन्तु भारी वाहन चालकों द्वारा बार-बार हाइटगेज बैरियर तोड़ दिये जाते थे, जबकि भारी वाहनों के आवागमन हेतु पक्के पुल के समानान्तर कुड़ियाघाट की तरफ एक अन्य सेतु निर्मित है। वर्तमान में सेतु की सुरक्षा हेतु सेतु के दोनों तरफ दीवाल उठा दी गयी है, जिसमें एक मीटर का रास्ता दो पहिया वाहनों एवं पैदल चलने वाले यात्रियों के लिये छोड़ा गया है। सेतु निगम द्वारा पक्के पुल से डालीगंज की तरफ नये सेतु के निर्माण हेतु प्रस्ताव प्रक्रियारत है, जिसकी स्वीकृति के पश्चात गोमती नदी पर अन्य समानान्तर सेतु का निर्माण आगामी भविष्य में कराया जाना प्रस्तावित है।

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