उत्तर प्रदेश के विश्वविद्यालयों ने क्यू०एस० वैश्विक रैंकिंग में दर्ज की उल्लेखनीय उपस्थिति

Media House लखनऊ-प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने कहा है कि प्रदेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों द्वारा प्रतिष्ठित क्यू०एस० (QS) वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग प्रणाली में एशिया एवं दक्षिण एशिया श्रेणी में उल्लेखनीय स्थान प्राप्त करना सम्पूर्ण प्रदेश के लिए गौरव की बात है। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे सतत सुधार, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, नवाचार आधारित अनुसंधान और शैक्षणिक उत्कृष्टता की दिशा में चलाए जा रहे ठोस प्रयासों का परिणाम है।
मंत्री उपाध्याय ने बताया कि क्यू०एस० एशिया रैंकिंग में लखनऊ विश्वविद्यालय को 781-790 तथा दक्षिण एशिया रैंकिंग में 244वाँ स्थान, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ एवं बाबा भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय लखनऊ को 801-850 तथा दक्षिण एशिया में 254वाँ स्थान प्राप्त हुआ है। इसी प्रकार बुंदेलखंड विश्वविद्यालय झाँसी, महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय, एवं छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर को 901-950 एशिया रैंकिंग एवं 297वाँ दक्षिण एशिया स्थान मिला है।
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय को एशिया में 1001-1100 तथा दक्षिण एशिया में 330वाँ, वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर को 1201-1300 एशिया तथा 397वाँ दक्षिण एशिया रैंक प्राप्त हुआ है।
मंत्री उपाध्याय ने कहा कि इस वैश्विक रैंकिंग में प्रदर्शन यह दर्शाता है कि उत्तर प्रदेश के विश्वविद्यालय अब वैश्विक प्रतिस्पर्धा में अपनी पहचान बना रहे हैं। उच्च शिक्षा विभाग द्वारा पिछले कुछ वर्षों में लागू की गई नई शिक्षा नीति 2020, डिजिटल लर्निंग सिस्टम, शोध प्रोत्साहन योजनाएँ एवं इंडस्ट्री-एकेडमिक लिंक के प्रयासों ने इस दिशा में निर्णायक भूमिका निभाई है।
मंत्री ने विश्वविद्यालयों के शिक्षकों, शोधकर्ताओं, अधिकारियों एवं विद्यार्थियों को इस उपलब्धि पर बधाई देते हुए कहा कि यह सफलता सामूहिक परिश्रम, शोधनिष्ठा और नवाचारोन्मुख दृष्टिकोण का परिणाम है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आने वाले वर्षों में उत्तर प्रदेश के विश्वविद्यालय और भी ऊँचाइयाँ प्राप्त करेंगे तथा शिक्षा, अनुसंधान और सामाजिक विकास के क्षेत्र में पूरे देश का गौरव बढ़ाएँगे।









