लालू यादव और नीतीश कुमार ने वंचित समाज के साथ की हकमारी: संजय ठाकुर

अवनीश श्रीवास्तव
मीडिया हाउस 21ता.मोतिहारी,पचपकडी़ l जन सुराज के प्रदेश मुख्य प्रवक्ता सह मीडिया प्रभारी संजय कुमार ठाकुर ने कहा है कि पिछले बत्तीस वर्षों के शासन में लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार की सरकारों ने समाज के अति पिछड़ों, पिछड़ों, दलितों, अल्प – संख्यकों समेत सभी वंचित समाज को ग़रीबी और अशिक्षा में धकेल दिया है और उनकी हकमारी की है। वे आज पचपकडी़ में मीडिया कर्मियों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जन सुराज के प्रणेता प्रशांत किशोर जी लगातार पदयात्रा कर रहे हैं और लोगों को इस बाबत जानकारी दे रहे हैं। प्रशांत किशोर ने साफ कहा है कि बिहार सरकार द्वारा हाल ही में कराया गया सर्वेक्षण बता रहा है कि 80 फीसदी बिहार के लोग दिनभर में 100 रुपए भी नहीं कमाते। ये 32 सालों के लालू-नीतीश राज का परिणाम है। इन नेताओं ने जात और धर्म के नाम पर वोट लेते रहे किन्तु इन वर्गों को सामाजिक भागीदारी नहीं दी गई। वहीं ठाकुर ने जानकारी दी कि प्रशांत किशोर कह रहे हैं कि समाज के उक्त बड़े वर्ग को वंचित रखा गया । उसके नाम पर हल्ला मचाते रहे पर उनके विकास के लिए कोई रास्ता नहीं निकाला। कोई उन दोनों नेताओं से ये पूछने वाला नहीं है कि 32 सालों से सत्ता में बैठे कौन लोग हैं? अगर किसी ने हकमारी की है, तो लालू यादव और नीतीश कुमार ने हकमारी की है। बिहार में अगर वंचित समाज के, अति पिछड़ा समाज के, दलितों को, मुसलमानों को अगर जगह नहीं मिली तो ये जगह लालू और नीतीश ने नहीं दी है। उक्त जानकारी देते हुए प्रदेश मुख्य प्रवक्ता सह मीडिया प्रभारी संजय कुमार ठाकुर ने बताया कि पदयात्रा के दौरान गांवों का जो दृश्य देख रहे हैं उससे यह साफ़ जाहिर है कि सरकारी आंकड़े व घोषणाएं झूठ का पुलिंदा है। विकास गांवों तक नहीं पहुंचे हैं। शिक्षा व्यवस्था चौपट है और खेती किसानी की हालत पहले से ही चौपट है। बेरोज़गारी का आलम यह है कि हर गांव के साठ से सत्तर प्रतिशत ग्रामीण गांव – प्रदेश से दूर दूसरे प्रदेशों में रोज़ी रोटी के लिए मजदूरी करने गए हैं। यह स्थिति काफी दुर्भाग्यपूर्ण है जिससे निकलने का प्रयास सभी बिहारियों को करना चाहिए। मौके पर पूर्वी चंपारण जिले के संगठन महासचिव जयमंगल कुशवाहा, जिला स्टेयरिंग कमिटी के सदस्य तारिक अनवर चंपारणी, सिकरहना अनुमंडल के प्रवक्ता साहेब राज, चिरैया के नीतेश पाण्डेय समेत अनेक जन सुराजी मौजूद थे।