कोई मतदाता नहीं छूटे’- इसे बनाएं मूलमंत्र।

ब्यूरों, मीडिया हाउस न्यूज एजेन्सी रांची-मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के० रवि कुमार ने राज्य के सभी जिला निर्वाचन पदाधिकारियों से कहा कि बी०एल०ओ० के रजिस्टर के मुताबिक स्वयं मतदान केन्द्रों पर सुनिश्चित न्यूनतम सेवाओं की उपलब्घता की सतत मॉनीटरिंग करें। उन्होंने कहा कि दिव्यांग अथवा 85 वर्ष और उससे अधिक आयु के वैसे मतदाता जो मतदान केन्द्रों तक आने-जाने में असमर्थ हों, उन्हें अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए वाहन की सुविधा उपलब्ध कराने हेतु समय रहते मतदान केन्द्रवार सर्वे करा लें ताकि उन्हें कोई अनावश्यक परेशानी नहीं हो। इसी प्रकार पोस्टल बैलेट के माध्यम से मतदान करने वालों के लिए सारी तैयारी समय पूर्व कर लें। उन्होंने कहा कि ‘‘कोई मतदाता नहीं छूटे’’ इसे अपना मूलमंत्र मानते हुए निर्वाचन प्रबंधन में कोई कसर नहीं छोड़ें। वे आज निर्वाचन सदन, धुर्वा, राँची से अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी संदीप सिंह एवं अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी नेहा अरोड़ा के साथ वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से मतदान केन्द्रों पर उपलब्ध कराई जाने वाली सुनिश्चित न्यूनतम सुविधाओं, पोस्टल बैलेट के माध्यम से मतदान एवं दिव्यांग अथवा 85 वर्ष या उससे अधिक आयु के मतदाताओं के सुगम मतदान की व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने पोस्टल बैलेट के माध्यम से मतदान से संबंधित भारत निर्वाचन आयोगग के दिशानिर्देशों का हवाला देते हुए कहा कि पोस्टल बैलेट के प्रबंधन हेतु हरेक जिले में अलग से सहायक निर्वाची पदाधिकारी होने हैं जिनकी जिम्मेवारियाँ भारत निर्वाचन आयोग द्वारा विनिर्दिष्ट की गई है।
बगैर किसी भेदभाव के निर्वाचन की प्रक्रिया में समान भागीदारी सबों का अधिकार
रांची-राज्य के सभी दिव्यांग शारीरिक रूप से चुनौतीपूर्ण, पचासी वर्ष या उससे अधिक आयु वर्ग के मतदाता, गर्भवती महिलाओं एवं छोटे शिशुओं की माताओं को भी अन्य नागरिकों की तरह समान वैधानिक अधिकार प्राप्त है। चुनाव की प्रक्रिया इन्हें लोकतंत्र में समान रूप से अपनी भागीदारी निभाने का अवसर प्रदान करती है। अतएव इनके लिए अनिवार्यरूपेण हरेक मतदान केन्द्र पर सुलभ मतदान की व्यवस्था रखी जाए। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी आज निर्वाचन सदन, धुर्वा, राँची के सभागार में राज्य के सभी जिलों से आए सभी समाज कल्याण पदाधिकारी एवं सहायक निदेशक, सामाजिक सुरक्षा के लिए ‘‘अपवर्जित समूहों के लिए सुगम मतदान’’ (Accessible Voting for Marginalised People) विषयक प्रशिक्षण सत्र को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया में ऐसे नागरिकों को समान भागीदारी के लिए ‘भारत के संविधान’ का अनुच्छेद – 326, दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम – 2016, निर्वाचन संचालन नियमावली के नियम 49 एन के क्रम में भारत निर्वाचन आयोग के द्वारा स्पष्ट दिशानिर्देश जारी किए गए हैं। इसके अलावे मतदान प्रक्रिया में इनकी सुविधा के लिए डिजिटल तकनीकों के प्रयोग पर भी बल दिया गया है। राज्य के सभी जिला समाज कल्याण पदाधिकारी इसके लिए नोडल ऑफिसर बनाए गए हैं। उन्हें अपने स्तर से हरेक विधानसभाई निर्वाचन क्षेत्र के लिए सेक्टर ऑफिसर नामित कर गैर-राजनैतिक एवं निरपेक्ष स्वयंसेवी संगठनों, रेजिडेंट वेलफेयर संगठनों आदि की मदद से अपवर्जित समूह के योग्य नागरिकों के डोर टू डोर सर्वे, छूटे हुए अर्हता प्राप्त नागरिकों के नाम निर्वाचक सूची में दर्ज कराने तथा मतदान में इनकी सुगमता के लिए समयबद्ध रूप से काम करना है। अपवर्जित समूहों के ऐसे मतदाता जो मतदान केन्द्र तक स्वयं आने-जाने में अक्षम हों उन्हें मतदान केन्द्र पर आने-जाने की स्थानीय व्यवस्था के साथ-साथ मतदान केन्द्र में शेड, कुर्सी-बेंच, व्हील चेयर, स्वयंसेवकों की व्यवस्था पर विशेष ध्यान रखा जाना है साथ ही यदि अपवर्जित समूह के कोई मतदाता जो चुनाव सिंबल खुद नहीं पहचान पाएँ वहाँ मतदान केन्द्र के पीठासीन पदाधिकारी उन्हें सहायक के रूप में 18 वर्ष से कम आयु के किसी किशोर को वोटिंग हेतु साथ लिए जाने की अनुमति दे सकेंगे।
प्रशिक्षण सत्र में निःशक्तता आयुक्त अभय नंदन अम्बष्ठ ने निःशक्तता आयोग द्वारा मतदाता के लिए किये जा रहे कार्यों के बारे में बताया। अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्रीमती नेहा अरोड़ा द्वारा मतदाता सूची एवं मतदान के बारे में बताया गया। उन्होंने बूथ अवेयरनेस ग्रुप, स्वीप कार्यक्रम, अच्छे कार्यों के लिए बीएलओ को सम्मानित करने आदि विषयों पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला। निदेशक समाज कल्याण विभाग श्री शशि प्रकाश झा द्वारा मतदान केंद्रों पर न्यूनतम सुविधा में पेयजल, बिजली, हेल्प.डेस्क, पोस्टर.साईनेज, रैंप, दिव्यांगजनों के लिए वॉलेंटियर की उपलब्धता के साथ-साथ मतदान केंद्रों पर बीएलओ की सहायता के लिए चयनित स्वंय सेवकों के प्रशिक्षण की जानकारी साझा की। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय की ओएसडी श्रीमती गीता चौबे द्वारा मतदान केंद्रों पर सुनिश्चित न्यूनतम सुविधाओं को उपलब्ध कराने एवं दिव्यांग/वयोवृद्ध मतदाताओं के लिए यातायात की सुविधा, वोलेंटियर्स एवं मेडिकल किट आदि विषयों पर विस्तृत रूप से चर्चा की। उप निर्वाचन पदाधिकारी मुख्यालय श्री संजय कुमार द्वारा सोशल मीडिया, सक्षम ऐप, निःशक्तता के लिए सोशल मीडिया के बारे में बिंदुबार जानकारी साझा की गयी।
प्रशिक्षण सत्र में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय द्वारा बूथों पर न्यूनतम सुविधा उपलब्ध कराने संबंधित कराये गए राज्य स्तरीय सोशल ऑडिट सर्वे के समन्वयक हलदार महतो ने इस सर्वे में प्राप्त महत्वपूर्ण विषयों पर बिंदुबार चर्चा की। साथ ही निःशक्तता के क्षेत्र में कार्य कर रहे स्वयं सेवी ग्रुप साईट सेवर्स की सपना सुरीन द्वारा मतदान के दौरान दिव्यांग मतदाताओं को आनेवाली संभावित कठिनाईयों एवं स्थानीय तौर पर उनके त्वरित निराकरण के संबंध में चर्चा की ।