मजहब की दीवार कोई मायने नहीं रखती। गोरखपुर का एक हिंदू परिवार गंगा-जमुनी तहजीब की जीती-जागती मिसाल

मीडिया हाउस 8ता.आस्था और विश्वास की डोर मजबूत हो तो मजहब की दीवार कोई मायने नहीं रखती। इसी कड़ी में यूपी के गोरखपुर का एक हिंदू परिवार गंगा-जमुनी तहजीब की जीती-जागती मिसाल है। 63 वर्षीय लालबाबू पेशे से व्यापारी है और 38 वर्षों से पूरे महीने रोजा रखते हैं। वह रमजान के महीने में 30वों रोजा रखते हैं और ईद के दिन मस्जिद भी जाते हैं।बताया जाता है कि वे पूरी शिद्दत के साथ रोजा रखते हैं और मुस्लिम भाईयों के साथ इफ्तार भी करते हैं। लालबाबू के पिता भी रोजा रखते रहे हैं और वे उसी परम्परा को पिछले 38 सालों से आगे बढ़ा रहे हैं।
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